Incertarum fabularum fragmenta (fr. 678)
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ganzen Satz vgl. Ar. Ran. 200 (οϋκουν καθεδεϊ δήτ’ ένθαδί, γάστρων;), wo sich
Charon an Dionysos wendet.
fr. 678 K.-A.
καθιώ (?) δικαστάς
καθεδώ codd., Kassel-Austin (‘fort, καθέσω’): καθιώ? Alpers
ich werde die Richter sich setzen lassen [d. h. eine Gerichtsverhand-
lung einberufen]
Or. fr. A 55 Alp. (Zonar, p. 1170)
καθεδοϋμαι· τό καθεδούμαι και καθεδη και καθεδεϊται'Ελληνικά, τό δέ καθεσθήσομαι
και καθεσθήση και έκαθέσθην και καθεσθήναι έκφυλα. Αριστοφάνης· ,,κάτα καθεδη
δήτά μοι“, και έν Άχαρνεΰσιν „καθεδεϊται“, καί πάλιν·-φησιν, καί Τηλεκλείδης·
„καθεδοϋμαι“. καί Φερεκράτης- ,,καθεστέον“, καί Μένανδρος· „καθεδοϋμαι ένθαδί /
τόν Λοξίαν αύτόν καταλαβών“, καί Πλάτων- ,,πρόαγε δή καί σκόπει άμα, όπου καθε-
δούμεθα“ καί ,,καθίσαι χωρίς μεν τούς όπλίτας, χωρίς δέ τούς Ιππέας“, καθίσαι καί
καθέσαι καί καθήσθαι καί καθιεϊ καί καθίζειν, ού καθιζάνειν. καί καθήστο, καθοίμην,
καθήμην, καθήντο
kathedoumai (,ich werde mich hinsetzen“): die Formen kathedoumai und kathede und
kathedeitai sind griechisch. Die Formen kathesthesomai und kathesthese und ekathes-
then und kathesthenai sind Derivate (Phryn. Ecl. 233 F.). Aristophanes (Ar. fr. 677): ,und
dann wirst du dich ja hinsetzen“, und in den Acharnern (Ar. Ach. 841): ,er wird sich
hinsetzen“, und wieder:-, und Telekleides (Telecl. fr. 65): ,ich werde mich hinsetzen“.
Und Pherekrates (Pher. fr. 248): ,man muß sich hinsetzen“, und Menander (Men. fr. 893):
,ich werde mich dort hinsetzen / den Loxias selbst genommen“, und Platon (Plat. Phdr.
229a): ,führ mich doch hin und schau einmal zugleich, wo wir uns hinsetzen werden“
und (Plat. Leg. 755e) ,setz’ dich fern den Hopliten, und fern den Rittern“, kathisai und
kathesai und kathesthai und kathiei und kathizein, nicht kathizanein. und kathesto,
kathoimen, kathemen, kathento
Metrum lambischer Trimeter (?) (unvollständig):
Zitatkontext Das Fragment wird direkt nach fr. 677 (vgl. hier oben, zum Fr.)
und Ar. Ach. 841 angeführt.
Textgestalt Für das tradierte καθεδώ (eigentlich intransitiv) wurde an καθιώ
(Alpers 1981, z. St.: „an καθιώ?“) bzw. καθέσω (Kassel-Austin z. St., anhand
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ganzen Satz vgl. Ar. Ran. 200 (οϋκουν καθεδεϊ δήτ’ ένθαδί, γάστρων;), wo sich
Charon an Dionysos wendet.
fr. 678 K.-A.
καθιώ (?) δικαστάς
καθεδώ codd., Kassel-Austin (‘fort, καθέσω’): καθιώ? Alpers
ich werde die Richter sich setzen lassen [d. h. eine Gerichtsverhand-
lung einberufen]
Or. fr. A 55 Alp. (Zonar, p. 1170)
καθεδοϋμαι· τό καθεδούμαι και καθεδη και καθεδεϊται'Ελληνικά, τό δέ καθεσθήσομαι
και καθεσθήση και έκαθέσθην και καθεσθήναι έκφυλα. Αριστοφάνης· ,,κάτα καθεδη
δήτά μοι“, και έν Άχαρνεΰσιν „καθεδεϊται“, καί πάλιν·-φησιν, καί Τηλεκλείδης·
„καθεδοϋμαι“. καί Φερεκράτης- ,,καθεστέον“, καί Μένανδρος· „καθεδοϋμαι ένθαδί /
τόν Λοξίαν αύτόν καταλαβών“, καί Πλάτων- ,,πρόαγε δή καί σκόπει άμα, όπου καθε-
δούμεθα“ καί ,,καθίσαι χωρίς μεν τούς όπλίτας, χωρίς δέ τούς Ιππέας“, καθίσαι καί
καθέσαι καί καθήσθαι καί καθιεϊ καί καθίζειν, ού καθιζάνειν. καί καθήστο, καθοίμην,
καθήμην, καθήντο
kathedoumai (,ich werde mich hinsetzen“): die Formen kathedoumai und kathede und
kathedeitai sind griechisch. Die Formen kathesthesomai und kathesthese und ekathes-
then und kathesthenai sind Derivate (Phryn. Ecl. 233 F.). Aristophanes (Ar. fr. 677): ,und
dann wirst du dich ja hinsetzen“, und in den Acharnern (Ar. Ach. 841): ,er wird sich
hinsetzen“, und wieder:-, und Telekleides (Telecl. fr. 65): ,ich werde mich hinsetzen“.
Und Pherekrates (Pher. fr. 248): ,man muß sich hinsetzen“, und Menander (Men. fr. 893):
,ich werde mich dort hinsetzen / den Loxias selbst genommen“, und Platon (Plat. Phdr.
229a): ,führ mich doch hin und schau einmal zugleich, wo wir uns hinsetzen werden“
und (Plat. Leg. 755e) ,setz’ dich fern den Hopliten, und fern den Rittern“, kathisai und
kathesai und kathesthai und kathiei und kathizein, nicht kathizanein. und kathesto,
kathoimen, kathemen, kathento
Metrum lambischer Trimeter (?) (unvollständig):
Zitatkontext Das Fragment wird direkt nach fr. 677 (vgl. hier oben, zum Fr.)
und Ar. Ach. 841 angeführt.
Textgestalt Für das tradierte καθεδώ (eigentlich intransitiv) wurde an καθιώ
(Alpers 1981, z. St.: „an καθιώ?“) bzw. καθέσω (Kassel-Austin z. St., anhand